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तसव्वुर

तसव्वुर

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खुद को मिटाकर तुम को पाया मैंने

सितारों से आगे नया जहाँ पाया मैंने।


विरान ज़िंदगी के सैकड़ों कारवां थे

इनायतें रहनुमाई एक रिश्ता पाया मैंने।


जज़्बात मेरे तड़पते हैं क़फ़स के चमन में

मुहब्बत की रफ़अत का पुरनुम पाया मैंने।


इन्तिजार के कई अंजुमन जी रही हूँ मैं

जैसे रूसवाई के बाद मिलन पाया मैंने।


इस तसव्वुर का कोई मतलब नहीं है

क्योंकि अक्सों से तसरूफ पाया मैंने।



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