तक़दीर
तक़दीर
ये आँसू हैं मेरी तक़दीर के
मेरी तक़दीर मुझसे दूर होती
जा रही है।
कभी
एक बूंद बनके
कभी बूंदों की बारिश
बनकर बहती जा रही है।
क्या करूं
तक़दीर ही मेरी ऐसी है
जो अपने आप ही रोती जा रही है।
ये आँसू हैं मेरी तक़दीर के
मेरी तक़दीर मुझसे दूर होती
जा रही है।
कभी
एक बूंद बनके
कभी बूंदों की बारिश
बनकर बहती जा रही है।
क्या करूं
तक़दीर ही मेरी ऐसी है
जो अपने आप ही रोती जा रही है।