तो यह हाल ना होता।
तो यह हाल ना होता।
काश! उस रात तुमने मिलने की ज़िद न जताई होती,
और मैंने भी तुम्हें आने से रोकने की कसम दी होती,
तो यह हाल न होता।
तुम्हें सोचते सोचते, सारी रात बीत गई,
काश! उस रात, सुबह होने का इंतजार न किया होता,
काश! हमने पहली मुलाकात का ख्वाब न देखा होता,
तो यह हाल न होता।
क्या पहनूं, क्या तोहफा लूं,
काश! कुछ ऐसा न हुआ होता,
काश! मैंने उस रोज काला रंग न पहना होता,
तो यह हाल न होता।
वक्त से पहले ही ढूंढती रही तुम्हें मेरी निगाहें,
काश! वो हसीन वक्त आया ही ना होता,
काश! उस रोज, तुम्हारा मेरे पास आने का हर रास्ता बंद होता,
काश! मैंने तुम्हें बस एक सपना समझ कर भुला दिया होता,
तो यह हाल न होता।
काश! उस रोज तुम इतने खूबसूरत ना लगते,
काश! उस रोज तुम चेक वाली शर्ट ना पहनते,
काश! तुम मेरे लिए चॉकलेट न लाते,
तो यह हाल ना होता।<
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तुम खड़े रहे दीवार से कंधा लगाए हुए,
बड़े प्यार से मुझे देखते हुए,
काश! तुमने प्यार से मुझे पुकारा ना होता,
काश! मैंने तुम्हारी आंखों की ओर देखा ना होता,
काश! मुझे तुम्हारी आंखों में प्यार दिखा ना होता,
तो यह हाल ना होता।
उस दिन का वह एहसास भुलाएं नहीं भूलता,
काश! तुमने मेरा हाथ पकड़ा ना होता,
काश! तुमने मुझे सीने से लगाया ना होता,
काश! तुमने मुझे 'सुकून' लफ्ज से मिलाया ना होता,
काश! मेरी आंखों में आंसू आया ना होता,
काश! तुम्हारा दिया तोहफा मैंने लिया ना होता ,
तो यह हाल ना होता।
सुना था मोहब्बत लाख गुना हसीन होती है प्यार से ,
काश! मैंने मोहब्बत नहीं, प्यार किया होता ,
काश! तुम्हें दिमाग में नहीं दिल में रखा होता,
काश! निकाल पाते तुम्हें अपने दिल और दिमाग से,
तो यह हाल ना होता ,
तो यह हाल ना होता।