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VEENU AHUJA

Abstract

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VEENU AHUJA

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तन्हाई

तन्हाई

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मुझे बहुत भाती है

मेरी तन्हाई

जहाँ होती हूँ

मैं और केवल

पारदर्शी मैं


जहाँ झूठे लोग नहीं

जहाँ मतलबी लोग नहीं

प्यार जतलाते धोखेबाज़ नहीं

केवल मै और मेरी तन्हाई


तन्हाई जो सच का आइना दिखाती .

तन्हाई जो बेहतर मैं से मुझे मिलवाती

तन्हाई जो खूब रोने देती

तन्हाई जो दिल खोल हँसने देती


तन्हाई जहाँ किसीके रुठने का डर नहीं 

तन्हाई जहाँ किसे की बात मानने का खौफ नहीं

तन्हाई जहाँ कोई सुनने वाला नहीं


तन्हाई जहाँ कोई बोलने टोकने वाला नहीं

तन्हाई जो केवल है मेरा संसार

यहां अन्य कोई आता जाता नहीं


तन्हाई जहां है पूरी आजादी

मुझे बहुत भाती है

मेरी तन्हाई।


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