तन्हा छोड़ दिया तूने
तन्हा छोड़ दिया तूने
क्या कसूर था हमारे इश्क़ में।
जो हर नस में विष घोल दिया।
तड़पता रहा आंसू पी पीकर।
क्यो? हमे तन्हा छोड़ दिया।
वो बचपन की याद, कुछ फ़रियाद।
हम बिताए संग दिल तेरे साथ।
जाग कर झांक कर, मै पूछता रहा।
दिल के आइने में, कैसे रहेंगे तेरे साथ।
हर पल हर वक्त गिनते रहे, कुछ याद की तारीखें।
कैसे किए तूने वादे जो निभा न सकी।
अगर किए होती सच्ची मोहब्बत तो,
झेलना न पड़ता।
तू झूठी थी, या तेरा प्यार जो हमसे मिल न सकी।
अब तो बीत गए वो दिन तेरे ख्वाबों में।
छाया बनकर तेरे पीछे घूमता था।
नहीं जाने देते थे, किसी के प्यार रास्ते के मोड़ पर।
जहां तुम थी, वहां मैं था,
तेरी तस्वीर अपने दिल में छुपाया था।

