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अंजु लता सिंह

Inspirational

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अंजु लता सिंह

Inspirational

तन-मन से बातें

तन-मन से बातें

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तन को मन समझाता फिरता

चलो रात-दिन मस्ती में,

स्वस्थ,सजग,बेखौफ रहो

दृढ़ता लाओ हस्ती में।


पास रखो आत्मविश्वास-

कर्मठता की अनबुझ प्यास,

हित-हेतु धड़कें स्पंदन-

बन पाओगे सबके खास।


खुशी का घर भी दूर नहीं-

आसपास ही रहती है,

श्रम-रत रहकर अगर मिलोगे

अभिनंदन वो करती है।


जिंदादिल और पुलकित चेहरा-

अद्भुत तेजस,उन्नत भाल,

अनुशासित हो जीवन सारा-

कर देता है त्वरित कमाल।


चंचल मन के भावों का-

आओ !अब कर लें परिहास,

थिरक रहा तन ,बहको तुम भी-

जीवन में छाया उल्लास।


निशदिन गतिक्रम के बल पर ही-

 सूर्य करे जग में उजियारा,

 धूप,शीत,बौछार सहे -

 वसुधा ने अपना रूप संवारा।


जोखिम-सेवा की भट्टी में-

खुद को झोंक दिया जिसने,

निखरा स्वर्ण बना वह बंधु !

सबसे अलग लगा दिखने।


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