तितलियाँ
तितलियाँ
महक जाते हैं ,सारे अरमान,
कलियों में जब खिलते हैं .
फ़ूलों में जब ख़ुश्बू महकती है .
बहारों में जब मिलते हैं
हरियाली हरी भरी लहराती हैं .
आँगन-आँगन सूना-सूना,
जिसमें कलियाँ ही कलियाँ,
खिली-खिली सी हो,
गुलशन में गुल ग़ुलाबों में,
तितलियाँ जब रंग बनाती हैं .
रंगों में ओर रंग भर जाते हैं .
तब रंग खिल जाते हैं .!
