"तिरंगे के सदके"
"तिरंगे के सदके"
तिरंगे के सदके,अपनी जान वार दूं
तिरंगे के सदके,हर मुस्कान वार दूं
गर ख्वाबों में भी कहे,मेरी भारत माँ
उसको शत्रुओं के नर मुंड उपहार दूं
तिरंगे के सदके,शिक्षा वो व्यवहार दूं
रहे सब शिक्षित,ऐसा स्व अध्याय दूं
रहे न कोई अनपढ़,बनो ऐसा शिक्षक
शिक्षकपन में,में सूर्य जैसा प्रकाश दूं
तिंरगे के सदके,वोटों का ऐसा वार दूं
चुने सही नेता,बुरे नेता देश से निकाल दूं
तिरंगे के सदके,बस ऐसा नौकरशाह दूं
जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो,ऐसा ईमानदार दूं
जो अपनी मेहनत से,धरा को श्रृंगार दे
तिरंगे के सदके,देश को वो किसान दूं
अपनी वीरता से पत्थरों में जान फूंक दूं
तिरंगे के सदके,खुद को ऐसी तलवार दूं
तिरंगे के सदके,ऐसी दिमाग को धार दूं
हो हिंद नाम ऊंचा,वो विद्यार्थी कलाम दूं
गीत गाने का,लता स्वर का वो उपहार दूं
मां सरस्वती सा,रियाज में ऐसा अभ्यास दूं
तिरंगे के सदके,खुद को सत्य ललकार दूं
जो बताये सत्य,अपने शब्दों में वो औजार दूं
झूठ,फरेब के निकाल दे,ऐसी शब्द तलवार दूं
तिरंगे के सदके,में गद्दारों को चुन-चुन मार दूं।