तिरंगा
तिरंगा
तिरंगा भारत की शान है
देश पर जो मिटते आए
महान वीरों के प्राण हैं।
झुकने नहीं देंगे तिरंगे की शाम को
हम सीमा पार भी तिरंगा लेकर जाएंगे
इस धरातल को कसम मेरे खून की
तिरंगे की शान मेे कतरा कतरा खून भाएंगे
झुकने नहीं देंगे धरातल पे तिरंगे को
फिर अपना हम भीम सा बाहुबल दिखाएंगे
एक एक दुश्मन का सफाया हम करेंगे
हिम की चोटियों पे तिरंगा हम लहराएंगे।
आगे बढ़ जरा थोड़ी दूर और चल
चल चल कहीं मंजिल को पार दे
मिट्टी उठाकर तु माथे को लगा जरा
आज धरातल के भी कर्ज को उतार दे
की झुकने ना पाए शीश भारत मां के लाल का
अपनी जवानी का भारत को बलिदान दे
माँ भारती की कसम सीमा पार तू जाएगा
इंच इंच भूमि मेे तिरंगे को भी गाड़ दे!