तेरी याद
तेरी याद
यादों को याद करने से
खुश हो जाएं
ये जरूरी तो नहीं।
कुछ यादें बहुत तड़पाती हैं
कमाल तो देखो
हर खुशी की याद पर
भारी पड़ती है
कभी यादों का वजन
उठाया भी नहीं जाता
मुस्कान के पीछे,
पलकों के नीचे
उन यादों को छुपाने
की कोशिश
नाकाम होती है
जब याद से बस आँखें
गीली होती है
एक आह सी निकलती है
और हम खामोश हो जाते हैं
हर याद में तुम को बसाए
ये जरूरी तो नहीं
मेरे दुख की हर याद में
बस तुम हो
तुम क्यों हो हर याद में
इन यादों को भूल जाना
चाहती हूं
रह गए जो वादे उनको
तोड़ना चाहती हूं
तुमने कोई वादा न निभाया
पर मुझको हर बार
मेरा वादा याद दिलाया
प्यार निभाने की कसम
अकेले मैंने थोड़े न खाई थी
तुमने भी तो यह रस्म निभाई थी
मैंने हर याद को याद रखा
तुमने हर वादा बाद रखा
निकल जाने दो इन यादों के
दायरे से मुझे
अब बख्श दो मुझे
मुझे अब तुम्हें प्यार नहीं करना
मुझे अब कुछ याद नहीं करना
मुझे अब कुछ याद नहीं करना।

