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Ila Jaiswal

Abstract

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Ila Jaiswal

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जीवन में

जीवन में

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जीवन में हर कदम पर

मिलते गए नए लोग,

रिश्ते नए बनते गए,

जुड़ते गए नए संजोग


किसी के आने से दुख मिला

किसी के जाने से सुख मिला

ये जीवन फिर भी चलता गया

चाहे दुख या सुख मिला


किसी से कोई प्रश्न न किया

अपने मन को उत्तर खुद ही दिया

मैं स्त्री हूं, मुझे सिर्फ दूसरों के

लिए ही तो करना है,


इसलिए खुद को हर पल,

दूसरों के लिए तैयार किया।

सब शर्तों को कर लिया स्वीकार,

नहीं किया कोई प्रतिकार


इच्छा या अनिच्छा से नहीं कोई सरोकार

हर बात मुझे माननी है, बस यही दरकार

क्योंकि जीवन में हर कदम पर मिलते गए लोग

रिश्ते जुड़ते गए, बन गए नए संजोग।


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