आज भी कुछ कहती है
आज भी कुछ कहती है
तेरी निगाहेँ आज भी कुछ कहती है
तू चाहता तो है कहना मगर जुबान साथ ही न देती है तेरा
जाने कौन सा गम है जो सताता है तुझे
तेरी निगाहेँ आज भी कुछ कहती है
न जाने कितने वक़्त बीत गए पर कुछ बाते आज भी तेरे जेहन मे है जो तकलीफ तो बहोत देती है पर तू बयान कर पाता नही दिल के दर्द को सह पाता नही
तेरी निगाहेँ आज भी कुछ कहती है
कुछ बातें आज भी खलती है तुझे शायद जो प्यार और दुलार एक छोटे बच्चे की जरुरत होती है वो न मिली तुझे
तेरी निगाहेँ आज भी कुछ कहती है
