तेरा सदक़ा करने मैं आता हूँ...
तेरा सदक़ा करने मैं आता हूँ...
तेरा सदका करने मैं आता हूँ
ज़ुल्फ़ों में तेरी सर झुकाने मैं आता हूँ
तेरी इनायतों की चादर में
मैं इबादत करने आता हूँ
धड़क ती है जब धड़कनेंं
मैं तड़प ने लग जाता हूँ
बे-चैनी बे-चैनी सी होती है
मैं चलते चलते ही रुक जाता हूँ
तेरे घर तरफ जाती गलियों में
तेरा दीदार करने मैं आता हूँ
ज़माने में रखा क्या है
तुझमे समाना चाहता हूँ
ऐसे इनकार ना कर
यूँ रोक ना मुझे तरसता हूँ
तेरे लिए दुआंए करना चाहता हूँ
तेरी जन्नत जैसी बाँहों में
कलमा मोहब्बत का पढ़ने मैं आता हूँ
~ Avim