STORYMIRROR

Avim Mate

Romance Classics Fantasy

4  

Avim Mate

Romance Classics Fantasy

तेरा सदक़ा करने मैं आता हूँ...

तेरा सदक़ा करने मैं आता हूँ...

1 min
267

तेरा सदका करने मैं आता हूँ

ज़ुल्फ़ों में तेरी सर झुकाने मैं आता हूँ

तेरी इनायतों की चादर में

मैं इबादत करने आता हूँ


धड़क ती है जब धड़कनेंं

 मैं तड़प ने लग जाता हूँ

बे-चैनी बे-चैनी सी होती है 

मैं चलते चलते ही रुक जाता हूँ

तेरे घर तरफ जाती गलियों में

तेरा दीदार करने मैं आता हूँ


ज़माने में रखा क्या है 

तुझमे समाना चाहता हूँ

ऐसे इनकार ना कर 

यूँ रोक ना मुझे तरसता हूँ 

तेरे लिए दुआंए करना चाहता हूँ

तेरी जन्नत जैसी बाँहों में

कलमा मोहब्बत का पढ़ने मैं आता हूँ


~ Avim


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance