{ तेरा साथ }
{ तेरा साथ }
तुम होती साथ तो यूँ होता,
मैं हर पल खुशियों में पिरोता।
गर होती ग़म-ए-उल्फ़त तो क्या,
कुछ तुम रोती कुछ मैं रोता ।
बट जाता हर सुख-दुख,
सिर्फ एक के हिस्से में न होता।
तुम होती साथ तो यूँ होता,
साकार करता हर सपना,
जो तुम्हारी आँखों में होता।
घर बन जाता मेरा मकान,
जो आंचल तेरा उस पर होता।
तुम होती साथ तो यूँ होता,
मैं हर पल खुशियों में पिरोता।