तैयार
तैयार
सुबह उठना किसी को पसंद नहीं यारो
वो तो दुश्मन मकसद ऐसा चुना है
कि खुद रूह कहती है,
जमीर कहता है, स्वाभिमान कहता है
कि उठ आज फिर और ज्यादा मेहनत कर
उन्होंने बुलंदी देखकर इल्ज़ाम लगाना
और पत्थर मारना शुरू कर दिया
लेकिन उन्हें क्या मालूम की कितने सुख,
कितने आराम त्यागे है
हुनर को तपाने और किसी मुकाम तक आने के लिए
मुकदर अगर सोते रहने से बनता है
तो सभी अलसी अरबपति होते
कोई अपने आपको किसी प्रमाण पत्र और
पदक और पद के लिए तैयार नहीं करता
सभी अपने आप को,
खुद की रक्षा और अपने देश की
रक्षा के लिए तैयार करता है।