स्वभाव में शुद्धता का स्पर्श
स्वभाव में शुद्धता का स्पर्श
जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे ,
कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा ।
कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो ,
कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा
कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो ,
कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा
कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो ,
कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा।
कहीं बनेंगे पराए रिश्तें भी अपने तो
कहीं अपनों से ही खिंचाव मिलेगा ।
कहीं होगी खुशामदें चेहरे पर तो ,
कहीं पीठ पे बुराई का घाव मिलेगा ।
तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे ,
जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा ।
रख स्वभाव में शुद्धता का स्पर्श तू ,
अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा।
