सवाल करो
सवाल करो
सवाल करो ताकि लगे कि तुम जगे हो/जिंदा हो
प्रश्न करो की उत्तर मिल सके
कि उत्तर खोजे जा सके
ज़रा चुभते प्रश्न करो
ज़रा तीखे सवाल उछालो
कि लोग ज़रा असहज महसूस करें
कुछ असुरक्षित महसूस करें
सवाल कई की पोल खोल सकता है
सवाल करो और लगातार करो
रीपीट करो कि उत्तर देने वाले भूल न जाए
उत्तरों पर भी प्रश्न उठाओ
सवाल करो तमाम मुख्य मंत्रियों, मंत्रियों से
संसद और विधान सभाओं से
एमपी, एमेले से तमाम जनप्रतिनिधियों से
तमाम प्रशासनिक अफसरों से
नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों से
कलेक्टर एस पी से
न्यायालयों से सवाल करो और सवाल करो मिडिया से
डरते हो तो बेनामी प्रश्न करो
विडम्बना है कि तुम्हें लोकतंत्र में डर लगता है
तुम नहीं कर सकते तो दूसरे से करवाओ
हमारे विद्यार्थी पिछड़ रहे है क्योंकि
वे प्रश्न नहीं करते
जो सवाल करने की हिम्मत करते है
झिडक दिया जाता है उन्हें
विश्वविद्यालयों से बेदखल कर दिया जाता है उन्हें
या छीन ली जाती है छात्रवृतियाँ
परिवार में सवाल करो तो
सब नाराज
सब असहज
कि तुमने ये क्या कर दिया
परिवार के विरुद्ध जाकर देखो
उपदेश और समझाईस का दौर चलने लगता है और
तुम्हें प्रेम सार्थक लगता है
उन्हें व्यर्थ ही नहीं, अश्लील लगता है
तुम्हें जाति व्यर्थ लगती है और उन्हें सार्थक
तुम साहित्य लिखना चाहते हो
और वे तुम्हें इंजीनियर बनाना चाहते है
प्रश्न करो तो कहेंगे हमने दुनिया देखी है
तुम बने बनाए खांचे में फिट नहीं होना चाहते
लेकिन वे तुम्हें फिट करके मानेंगे
धर्म पर सवाल करो तो धर्म सत्ताएँ
त्रिशुल, तलवार और ए.के. ४७ लेकर खड़ी हो जाती है