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Neha anahita Srivastava

Abstract

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Neha anahita Srivastava

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सवाल-ए-ज़िन्दगी

सवाल-ए-ज़िन्दगी

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"सवाल-ए-ज़िन्दगी का जवाब भी खुद एक सवाल होता है,

कश्मकश में उलझा यहाँ हर एक ख़्याल होता है,

हर सवाल का नहीं कोई एक ज़वाब होता है,

हर ज़वाब में ज़ब्त एक सवाल होता है,

मुस्कुराता हुआ चेहरा भी अंदर से परेशान होता है,

ख़ामोश से दरिया के भीतर भी एक तूफान होता है

कब के बाद क्यों,क्यों के बाद कैसे, कैसे के बाद कहाँ होता है,

खूबसूरत से इस गुल के दामन में भी ख़ार होता है।"



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