स्वागत नए साल का
स्वागत नए साल का
बीत गया वर्ष दो हजार बीस स्वागत नए साल का
गुजरा वो सब पर रहा भारी पूछो न अब हाल का।
जारी रहा कहर कोरोना फैलाता रहा खूब जहर
मँडराता रहा मौत का साया सहमा रहा हर शहर
दुआ करो आए नव वर्ष लाये सपना खुशहाल का।
लोग बेरोजगार हुये किसान मजदूर सब लाचार हुये
पसरा सन्नाटा शहर अस्पताल मरीज भरमार हुये
क्या बताए भुखमरी बेकारी व देश खस्ताहाल का।
लगा चक्का जाम हैरान जनता देश हाहाकार हुआ
ट्रेन चले नहीं बस कार हिले नहीं बंद ब्यापार हुआ
हाथो को काम नहीं भूखे मज़दूर के हाल बेहाल का।
नया साल आना नया सौगात नई आस संग लाना
चेहरों मुस्कान चले रोजी दुकान आगाज संग लाना
उन्नति प्रगति प्रकृति साज विकाश देश मालामाल का।
