सूनो ना तुम प्रिये
सूनो ना तुम प्रिये
मैं हूँ धरती आकाश बन जाना तुम,
बादलों की ओट में छिप मिलने आना तुम।
सुनो ना तुम प्रिये,
मैं तुम्हारी हंसिनी हंस बन जाना तुम,
जल -तरंगों के बीच मिलने आना तुम।
सुनो ना तुम प्रिये,
बैठ कर पास मेरे दर्द भूल जाना तुम,
प्यारी- सी मुस्कान लिये मिलने आना तुम।
सुनो ना तुम प्रिये,
हाथों में हाथ हो हमसफ़र बन जाना तुम,
गिले- शिकवे छोड़ कर मिलने आना तुम।
सुनो ना तुम प्रिये ,
जिंदगी में खुशियों के रंग भर जाना तुम,
बदरंगी हवाओं से कर तौबा मिलने आना तुम। ।