STORYMIRROR

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

2  

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज

1 min
22


इतनी भी जल्दी जाने की क्या ज़िद है

लौट आओ की अभी हल्दी घाटी बाकी है

अभी तो बनना शुरू हुआ हैं भारत अपना

सोने की चिड़िया खातिर तेरा काम बाकी है,


तुम दुर्गा हो, तुम शक्ति हो 

तुम मर्यादा की प्रतिमूर्ति हो

ये धर्म तेरा है, धाम तेरा है

आसमां पर अब नाम तेरा हैं,


कश्मीर तेरे प्रयासों की बस एक झांकी है

तेरे अथक प्रयासों का फल अभी बाकी है

तेरा काम तेरा ईमान जैसे भारत माँ की है

लौट आओ की सिंधु के तट पर शाम बाकी है,


दुनियाँ में जो नाम देश का

दुनियाँ में जो काम देश का

विश्व गुरु जो बन रहा है,ये

प्रतिफल है बस तेरे वेष का,


अब  हँसेगी  सुरसा  संसद के  गलियारों  से

अब  बात  ना  होगा  मर्यादा  की  विचारों  के

गूँजेगी गाली अपशब्द सभी गली सड़क चौराहों पे

अब कोई नहीं बोलने वाला बात तुम्हारे मुखों से ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational