सुरक्षा कवच
सुरक्षा कवच
बहुत हो गई अब तेरी मनमानी,
चारों तरफ सब हमने कर ली है पहरे दारी।
अब धीरे-धीरे तू ऐसे हटता जाएगा,
अब हमारी सारी फौज़ तैनात हैं।
मास्क लगाकर जब हम आएंगे,
तब तू कैसे हमें पहचानेगा।
हम अपने संस्कारों को जब भूल गए थे,
तो सब से हाथ मिलाने लग गए थे।
अब अपने संस्कारों की खातिर,
हम सब से हाथ जोड़कर अभिनंदन करेंगे।
एक दिन अब ऐसा आएगा,
तू पृथ्वी से विलीन हो जाएगा।
तू तो एक पानी के बुलबुले की तरह है
और दूध के उबाल की तरह है।
मानव कहे करोना से तू क्या रौंदे मोय,
एक दिन ऐसा आएगा हम रौंदेंगे तोय।
अब हमारे पास इतना मजबूत सुरक्षा कवच है,
तू उसको अब भेद ना पाएगा।
और ना ही किसी के अंदर घुस पाएगा,
अब हमने कर दिए अपने दरवाजों के सब पट बंद।