सुनहरे एहसास
सुनहरे एहसास
सुनहरे एहसास ही है मेरी पूंजी
जो तेरे साथ रह कर कमाई है
ता उम्र रहेंगे जहन में मेरे
जो पल तेरी मेरी कमाई है
वो तेरे होठों पे रख देना होठ
सब भूल जाना ही जीवन की सच्चाई है
तुझ में पिघल कर फिर से बनना
बस यही जिंदगी पाई है
सुनहरे एहसास ही है मेरी पूंजी
जो तेरे साथ रह कर कमाई है
ता उम्र रहेंगे जहन में मेरे
जो पल तेरी मेरी कमाई है
वो तेरे होठों पे रख देना होठ
सब भूल जाना ही जीवन की सच्चाई है
तुझ में पिघल कर फिर से बनना
बस यही जिंदगी पाई है