Vijaykant Verma
Comedy
मुझको है
उनकी चिंता
उनको है
मेरी चिंता
इसी चिंता में
हम जीते हैं
नित सुबह-शाम
पीते हैं
दारू नहीं..?
दवा..!
हा..हा..हा..!
विनाश का बटन ...
नदी तुम्हारी...
सच्ची मुस्कान
मानवता, तू मर...
बचपन लौटा दो
लौट आओ मेरे य...
खुशी
हाले दिल
रिश्तों की सम...
सूखा पत्ता
लड़की माता पिता की इकलौती संतान हो , सोसाइटी में पोज़िशन हो मान सम्मान हो ! लड़की माता पिता की इकलौती संतान हो , सोसाइटी में पोज़िशन हो मान सम्मान हो !
लेकिन वहां तो वेटिंग की लंबी लिस्ट निकली।। लेकिन वहां तो वेटिंग की लंबी लिस्ट निकली।।
मनरव इसलिए कुछ दिखता, अपने ही विचार मे अनजाने वाली। मनरव इसलिए कुछ दिखता, अपने ही विचार मे अनजाने वाली।
राम बेचारे उलझ गए हैं, रावण बने इंसानों में। राम बेचारे उलझ गए हैं, रावण बने इंसानों में।
जादू की बोतल से निकला एक पेग, जीवन की गाथा में छुपा रहा रहस्य। जादू की बोतल से निकला एक पेग, जीवन की गाथा में छुपा रहा रहस्य।
वरना थोड़ी बहुत तांक झांक तो अब भी मैं करता हूं। वरना थोड़ी बहुत तांक झांक तो अब भी मैं करता हूं।
नानी ओ नानी तुम सब बच्चों की प्यारी नानी। आई लव यू नानी। नानी ओ नानी तुम सब बच्चों की प्यारी नानी। आई लव यू नानी।
मेरा दिल दीवाना तेरे प्यार में पागल हो गया है। मेरा दिल दीवाना तेरे प्यार में पागल हो गया है।
उसे दर्द दूँ ? अरे....रानियाँ तो महलों की सरताज़ होती है ! उसे दर्द दूँ ? अरे....रानियाँ तो महलों की सरताज़ होती है !
इश्क को अपने अंजाम तक ले जा रहे हैं दोनों। इश्क को अपने अंजाम तक ले जा रहे हैं दोनों।
जमाने को थी एक दिक्कत खास आती नहीं थी मेरी आवारगी रास। जमाने को थी एक दिक्कत खास आती नहीं थी मेरी आवारगी रास।
मैंने पूछा इतनी भी नफरत क्या है, वह बोली दिन भर सर पर बैठ , लिखते रहते हो घर पर, मैंने पूछा इतनी भी नफरत क्या है, वह बोली दिन भर सर पर बैठ , लिखते रहते ह...
हर दिन एक नई गाली आरोपों की नई आहट हर दिन एक नई गाली आरोपों की नई आहट
शर्म नहीं आती है उनको, बेशर्मी से है नाता उनका , शर्म नहीं आती है उनको, बेशर्मी से है नाता उनका ,
लूट खसूट की जगह अमन चैन का साम्राज्य होता काश ! मेरे पास भी कोई एक जादुई घोड़ा होता लूट खसूट की जगह अमन चैन का साम्राज्य होता काश ! मेरे पास भी कोई एक जादुई घो...
पापा बने जज फैसला करना उनके हाथ है। हम कमाल हैं वो बवाल हैं पापा बने जज फैसला करना उनके हाथ है। हम कमाल हैं वो बवाल हैं
मन वापस बच्चा बन जाता है। और बुलबुलों के वही गीत गुनगुनाने लग जाता है। मन वापस बच्चा बन जाता है। और बुलबुलों के वही गीत गुनगुनाने लग जाता है।
उसके जैसा होना "हेमन्त", हर किसी की औकात नहीं। उसके जैसा होना "हेमन्त", हर किसी की औकात नहीं।
हे गुरु मूल्यांकनकर्ता पास हमको कीजिए। हे गुरु मूल्यांकनकर्ता पास हमको कीजिए।
तेरे पसीने से भी प्रेम की खुशबू आने लगी है। तेरे पसीने से भी प्रेम की खुशबू आने लगी है।