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Sadhana Mishra samishra

Inspirational

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Sadhana Mishra samishra

Inspirational

सत्य की तलाश

सत्य की तलाश

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सत्य की तलाश में

निकल पड़ी हूँ मैं 

नीरव अंधकार में

सत्य की लौ लिए साथ में 


कीचड़ के तालाब को

खंगालती हूँ मैं 

जाने कहाँ कितनी

 गहराइयों में 


सत्य दबा है

झूठ के कीचड़ से सना है

हाथ मेरे थक गए

बांहों से निकल गए


झूठ के भंवर का

जाल बड़ा है

कीचड़ को धोते धोते

सागर भी सूख गए


सत्य पर इतना

कीचड़ पड़ा है

सतत प्रयास है

एक नयी चाह है


झूठ के कीचड़ से

सत्य को धोने की 

सत्य की तलाश में

निकल पड़ी हूँ मैं

 



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