STORYMIRROR

M K Yadav

Abstract

5.0  

M K Yadav

Abstract

सपनो की उड़ान

सपनो की उड़ान

1 min
294


कल का सपना आज बुनेंगे, किस्मत पर न भरोसा करेंगे

मंजिल अपनी आसान नहीं हैं, इसलिए हम भी शिक्षित बनेगे।

 

नन्हे कदमों में है इतना दम, न थकेंगे कभी न रुकेंगे हम

इरादे है नए कुछ तो करेंगे, इसलिए हम भी शिक्षित बनेगे।


चमकता सूरज जब भी मुस्काया, देख जगत में सवेरा लाया

एक-एक कदम चल हौसला बुनेंगे, इसलिए हम भी शिक्षित बनेगे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract