सफेद कागज पर लिखा मां का आखिरी खत
सफेद कागज पर लिखा मां का आखिरी खत
आज फिर गुजरा जमाना याद आ गया।
21 साल पहले का समय याद आ गया।
आपको जब मैंने कहा आप मुझे अभी भी खत लिखा करो
तो आपका आखरी खत वो याद आ गया।
सफेद कागज पर स्केल से लाइन खींच कर सब अक्षर जुड़े हुए वह लिखा हुआ खत मुझे याद आ गया।
इसमें अपने आशीर्वाद के साथ बहुत सारी बातें लिखी थी,
और साथ में गुलकंद ,गुलाब का शरबत और चवनप्राश की रेसिपी भी लिखी थी।
यह बोलकर की मेरी धरोहर
है ,कभी इच्छा हो तो बना लेना।
नहीं तो संभाल कर रख देना। इसे मैंने आज भी संभाल कर रखा हूआ है।
वो लिखा हुआ खत मुझे याद आ गया।
वह आपका प्यार से सिर में तेल लगाना गलती होने पर टपली मारना और
खुश होने पर बहुत हंसाना याद आ गया।
आज गुजरा जमाना याद आ गया।
मां तेरे साथ बिता एक एक पल मुझे याद आ गया।
लोग कहते हैं मां दिवस है आज।
मैं तो कहती हूं रोज ही मां दिवस होता है।
क्यों मां के लिए एक ही दिवस होता है।
हर घर में मां का रोज ही सम्मान होता है
तो रोज ही मां दिवस होता है।
कहती है विमला निस्वार्थ भाव से प्रेम करने वाली जिंदगी में और कोई दूसरा न मिलेगा
इसीलिए मां का तुम कभी अनादर न करो।
समय समय पर उनको आदर सम्मान के साथ याद करो।
और उनकी तुम्हारे प्रति की गई हर चीज के लिए उनका धन्यवाद करो।
आज मुझे वह गुजरा जमाना याद आ गया।
आपका एक-एक लिखा हुआ खत जो अभी तक मैंने रखा हुआ है ,
संभाल कर जरूरत पड़ने पर निकाल कर देखती हूं।
जैसे पूरा रेसिपी का खजाना हो।
जिंदगी के पाठ पढ़ने के नियम के साथ लिखे हुए वह पत्र आज मेरी धरोहर है।
करती हूं नमन मां तुमको तुमको तो स्वर्ग में ही जगह मिली होगी ,क्योंकि तुम उसी के लायक थीं।
जहां कहीं हो देख रहे होंगे ।
आपकी इस बेटी को आशीर्वाद दे रहे होंगे।
बहुत याद करती हूं मैं
सपरिवार आपको।
और नमन करती हूं सब की तरफ से आपको।
आशीर्वाद आपका हमेशा बनाए रखना
परेशानियों में से निकलने कारास्ता हमेशा दिखाये रखना।
