संस्कार
संस्कार
संस्कार तो आभूषण है
इसके बिना ना जीवन की शोभा
संस्कार से बने व्यक्ति का चरित्र
चरित्र बिना होता न व्यक्ति महान है।
संस्कार बढ़ाते मान सम्मान
इसके बिना ना सुखी जीवन की कल्पना
संस्कार मिले माता-पिता शिक्षा,मित्र से
इनका संग ना छोड़े ,संस्कार बड़े महान
इससे ही हमारे हिंदुस्तान की अलग पहचान
विदेशी प्रभावित होकर गुणगान गाते हैं
भारतवासी तो संस्कारों की से ही जाने जाते हैं।