ईश्वर का अनमोल उपहार हो तुम
ईश्वर का अनमोल उपहार हो तुम
कोई नहीं समझ सकता, तुम्हारे अलावा,
तुम धुर होकर भी पास होने का एहसास हो
सुबह कि मुस्कान हो ,रात कि प्रार्थना हो
जीने कि आस हो ,मेरा विश्वास हो तुम
सदा खुश रहो तुम, ये दुआ है हमारी
कृष्ण से चंचल, राम कि तरह मर्यादा पुरुषोत्तम हो
हर समस्या का समाधान हो तुम
रिश्तों से बंध गए है हम
जिम्मेदारी में उलझ से गए हम
कई चाहते, सपने अधूरे रह गए
तुम्हारे होकर भी किसी ओर के हो गए
ये धूरिया हमारी किस्मत कि लकीरे है।
मत हो नाराज मुझसे हजार किस्से है
न कहा ,न कह पाऊंगी
अधूरे ही सही ,हम तुम्हारे हो गए
देह कि चाहा नहीं, शब्दों का एहसास हो तुम
ईश्वर का अनमोल उपहार हो तुम