संस्कार
संस्कार
संस्कारों की बातें तो
करते दुनिया में सभी
अमल इनपर कौन करेगा
नसीहत देते थकते नहीं
परिवार से मिलती शिक्षा
जिम्मेदारी समाज की भी
गुरुजनों से लो दीक्षा
सम्मान उनका भूलना नहीं
तकलीफ होती देखकर बहुत
दयनीय स्थिति आज की
रोज दिखते इनके सबूत
मूल्य कुछ रहा नहीं
ला सकते हैं बदलाव
समाज में मिलके सभी
संजोए धरोहर आप हम
अभी कुछ बिगड़ा नहीं।
