सन्मान
सन्मान
कबिता,सम्मान
सुरेश चंद्र पाढ़ी
कभी अपनी सम्मान की चिन्ता मत करो
दूसरों को देने से मिलेगा
कभी सम्मान खरीदी नहीं जाती
सम्मान खुद दी जाती हे
सम्मान किसीको मागों मत
सम्मान अपने आप मिलेगा
सम्मान केलिए अच्छा काम करो
सम्मान सबको दो
किसी के सम्मान को छिनो मत
तुम्हारे कर्म ही तुम हे सम्मान देगा
हमारे सम्मान हमारा इज्जत हे
सम्मान से खुशी मिलती है
सम्मान से जिंदगी आगे जाती हे
दूसरों को सम्मान देना सीखो
बड़ों का सम्मान करो
अपने गुरु को खूब सम्मान दो
सम्मान देना एक अच्छा गुण है।