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Sourabh Dubey

Inspirational

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Sourabh Dubey

Inspirational

संकल्प

संकल्प

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संकल्प करो के हम भारत को पुनः शीर्ष पर लाएंगे,

हम भारत के संविधान को अपना धर्म बनाएंगे। 

जात-पात का ताना बाना अब से नहीं बुनेंगे हम,

हमें विभाजित करते हैं जो उनको नहीं चुनेंगे हम। 

अलख आज ये दिव्य सूत्र सी जन गण मन की तान का है,

नस नस में बहता जूनून ये भारत के सम्मान का है।।


संकल्प करो हम मासूमों को ना मजदूर बनाएंगे,

संकल्प करो अब हर बेटी को हम भरपूर पढ़ाएंगे। 

किसी सड़क पर अब किसान की नहीं फसल फैली होगी,

शपथ उठाओ अब भविष्य में ना गंगा मैली होगी। 

हमें वास्ता फ़िर से समझो जय जवान जय किसान का है, 

नस नस में बहता जूनून ये भारत के सम्मान का है।।


आओ सारे भेद मिटा कर देश प्रेम से हम सन जाएँ,

करें राष्ट्र निर्माण पुनः हम सोने की चिड़िया बन जाएँ। 

कोई न सोये भूखा अब नहि कोई बिना इलाज मरे,

एक सिरे से यह समाज फिर हर नारी को नमन करे। 

कहो अली से दीवाली है, राम फ़ख्र रमज़ान का है

नस नस में बहता जूनून ये भारत के सम्मान का है।।


भारत का बच्चा बच्चा जिस दिन शिक्षित हो जाएगा,

देश हमारा पुनः जगत में विश्वगुरु कहलायेगा। 

आर्यावर्त का स्वर्णिम गौरव पुनः लौट कर आएगा,

विश्वशांति का पर्चम भारत दुनिया में लहराएगा। 

पूरा होता स्वप्न दिख रहा, संस्कृति के उत्थान का है,

नस नस में बहता जूनून ये भारत के सम्मान का है।।


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