संकल्प
संकल्प
ट्वेण्टी-ट्वेण्टी क्रिकेट मैच सा होगा, यह ट्वेण्टी-ट्वेण्टी साल।
पूरे करने हैं अपने सपने,और खुश रहना है हम सबको हर हाल।
ट्वेण्टी वर्ष तो बीत चुके हैं,हो चुका खत्म सदी का पाॅ॑चवां भाग।
यह इक्कीसवीं सदी प्रगति की,मन में सबके है विकास की आग।
सभी निराशा आलस छोड़ें, श्रम से आशा दीप जलाना है।
भेदभाव का राग छोड़, राग प्यार का हम सबको ही गाना है।
बाॅ॑टनी हैं सबको ही खुशियॉ॑ और, हमें सबका दर्द बॅ॑टाना है।
स्वार्थ छोड़ परमार्थ भाव की जग में, अलख तो हमें जगाना है।
जो व्यवहार चाहते खुद हित, वैसा ही सब संग हमने करना है।
प्रेम भाव की ज्योति जलाकर, वैमनस्य अखिल विश्व से हरना है।
अगणित बाधाएं आएंगी पथ में , पर हरगिज हमें नहीं डरना है।
सार्थक प्रयास करने हैं हमको, जो हो सका न वह हासिल करना है।
गत वर्ष दे गया हमें जो थाती,उसको बड़े ही यत्न से हमें संजोना है।
जो मिलें हैं शक्तियों के मोती ,एक सूत्र में उन सबको ही पिरोना है।
अब सारे आतंकी आतंकित हैं , और बढ़ रही नारी की बड़ी शक्ति है।
भयकारी तीन तलाक़ की तलवार हटी,मिली मुस्लिम नारी को मुक्ति है।
अनुच्छेद तीन सौ सत्तर के हटने से ,अब पूरी घाटी में शान्ति आई है।
सब संवैधानिक अधिकार पाएंगे कश्मीरी,उनको खुशियॉ॑ अति छाईं हैं।
मंदिर-मस्जिद मसले की चिंता मिटी, सौहार्द भावना सबने दिखलाई है।
जन जागरूकता जन-जन में बढ़ी, भ्रष्टाचार की तो शामत ही आई है
इक्कीसवीं सदी का इक्कीसवां साल ये ,उम्मीद की ज्योति लाया है।
परहित निजहित के कार्य हों सफल, ऐसी आशाओं का दीप जलाया है।
हम तीव्र गति से ही विकास करें ,ऐसा ही मेरा तो अपना सपना है।
वसुधैव-कुटुंबकम् का भाव यही, धरती का हर मानव मेरा तो अपना है।