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Meera Ramnivas

Inspirational

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Meera Ramnivas

Inspirational

संकल्प

संकल्प

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चलो कुछ संकल्प करें

हर राह, हर द्वार,

नेह का दीप धरें

सबके अंदर वही,

 छुपा बैठा है,

सबसे प्रेम करें। 

 

किसी से बेरूखी,

बदगुमानी भला क्यों, 

सबसे हंस बोल कर,

मिला करें।


ना कोई गैर है यहां,

ना कोई अपना,

रंग मंच पर निभा रहे।

सभी किरदार अपना, 

हम अपना किरदार,

अच्छे से अदा करें।  


गम और खुशी का, 

दिन रात सा नाता है।

रात भले लम्बी हो,

सूरज तो आता है।


फिर फ़िक्र कैसी,

मस्त मलंग फिरा करें। 

जब कोई भूखा बच्चा, 

मजदूरी करता है।


पापी पेट की खातिर ,

अपना बचपन बेचता है।

शोषण मुक्त हो बचपन, 

सदा यही प्रयास हम करें।


वजहा बेवजहा ही,

खुशियां ढूंढ लेना अच्छा है। 

चादर के मुताबिक,

पांव पसार लेना अच्छा है।


उधार की खुशियां लेने की,

कभी चाह हम ना करें।


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