संघर्ष
संघर्ष
बिन संघर्ष जीवन असंपुष्ट है सखियों
संघर्ष से जीवन लक्ष्य निष्पादन
लोहा लेते परिस्थितियों से
तब होता चरित्र निर्माण
अनुशासित, कर्मठ, तटस्थ बनते
और जगता दृढ़ विश्वास
विभीषिका ना होती कोई
बस अंबरारंभ देखने की आस
दूरत्व ना डिगा पाता हौसलों को
संघर्ष को सखा बना लो
ना होता विफल होने का त्रास
प्रकृति का नियम परीक्षा है
अनवरत करते रहो प्रयास
विहग ना उड़ पाते बिना संघर्ष के
ना चींटी पहुंच पाती अपने ध्येय तक
धरा को चीर कर ही कोमल अंकुर
बढ़ता है सूर्य की ओर
बिना तपस्या नहीं मिलता है वर
बिना युद्ध के विजय होती निराधार
नई चुनौती स्वीकारो
करो जीवन में प्राण संचार
पीड़ा की पराकाष्ठा सह कर
होगा आनंद का विस्तार
बिना डूबे जीवन सागर में
नहीं होगा उद्धार।
