संघर्ष का सत्य
संघर्ष का सत्य
कब समझोगे जीवन की सच्चाई
मौत भी कठिनाई की परछाई
ढूंढ रहे हो तुम आसानी
क्या तुम जीवन की सच्चाई नहीं पहचान
हर मंजिल कठिन परिश्रम
नहीं हो तुम किसी योद्धा से कम
बुलाकर अपनी परिस्थितियां
बढ़ाओ आगे हौसलों के कदम
आदमी खुद को तो पाओगे
अमूल्य सोना बनकर निकलो
जो तुम अपने दुखों को आंसुओं से बहाओगी
बस खाक ही रह जाओगी
मत सोचो कौन-कौन है तुम्हारे साथ
क्योंकि खुदा ने तुम्हें दिए हौसले बेबाक
नहीं है आज जमाना तुम्हारे साथ
कल तुम्हें अपने पास होने का करेगा एहसास
मंजिल में तेरी तेरे होठों हौसलो से ज्यादा
तेरे विरोधी खड़े हैं अकेली ही सही
विरोधियों से घबराई तो नहीं।