संदेश देती प्रकृति
संदेश देती प्रकृति
कितनी सुन्दर कितनी मनोरम ये पृथ्वी
कितनी सुन्दर ये धरती कितनी सुन्दर ये प्रकृति
सूरज, चांद पेड़, नदी द्वारा कुछ इस तरह संदेश देती प्रकृति
माँ की तरह हमें प्यार करती प्रकृति
देती हमें अन्न, जल हम पर उपकार करती है प्रकृति
निस्वार्थ भावना से परोपकार का संदेश देती प्रकृति
हर रोज़ सूरज उगता है रोशनी से भरता है हमारा जीवन
नया सवेरा, नयी उम्मीद, नयी उमंग से भरे हमारा जीवन
कभी ना आलस्य करो, रोज काम करो निरन्तर प्रयास है जीवन
रात में झिलमिल तारे रात होने का आभास कराते
सूरज दिन का भव्य स्वागत, और चाँद दिन समाप्ति का संदेश देती प्रकृति
कल-कल सरिता बहती
हमें पीने के लिए जल देती
कल-कल झरना बहता
वाद्य यंत्रों सी ध्वनि कर्ता
पत्थरों से टकराता
झरना मार्ग में आए बाधाएं दूर कर्ता
झरने के रूप में कठिनाई से लड़ने का संदेश देती प्रकृति
बारिश के मौसम में मेघ बरसते
मोर मदमस्त होकर नाचते
गर्मी के मौसम में कोयल शाख पर कुक करती
भंवरे फूल पर मंडराने
शीत के मौसम में पेड़ के पत्तों पर बर्फ सी चादर हसीन वादियों का खूबसूरत आभास करते
मौसम के अनुसार जीवन में परिवर्तन का संदेश देती प्रकृति
एक पेड़ राहगीरों को शीतलता प्रदान कर्ता
एक पिता की छत्रछाया का आभास होने का संदेश देती प्रकृति
वर्षा ऋतु में नयी कोंपल निकलती है
नन्ही कालिया बाल जीवन (छोटे बच्चे) की अठखेलियों का संदेश देती प्रकृति
जीवन का पाठ पढ़ाती है प्रकृति मानवता के लिए एक संजीवनी एक वरदान है प्रकृति
प्रण करे, पेड़ लगाए मानवता के लिए अमूल्य धरोहर है प्रकृति।
