सम्पूर्ण सफलता पाओ
सम्पूर्ण सफलता पाओ
आलस त्यागकर तुम अपने काम को दो अंजाम
मेहनत को दोस्त बनाओ छोड़कर सभी आराम
जिसके लिए कर्म हो पूजा वही सफल हो पाता
करता रहे जो आराम वो असफल ही रह जाता
शुरू किए किसी कार्य को आधे में ना लटकाओ
तन मन का व्यायाम समझकर कर्म करते जाओ
सुस्ती और आलस को तुम जहर समझते जाओ
जीवन से तुम इनका नामो निशान मिटाते जाओ
अपनी हर जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाओ
इसी पहली शर्त को पूरा करके सफलता पाओ
मेहनत, लग्न और निष्ठा को जीवन में अपनाओ
कार्य की हर प्रकिया को रुचिकर बनाते जाओ
कार्य की सम्पूर्णता के लिए वचनबद्ध हो जाओ
निर्धारित समय में कार्य को पूरा कर दिखलाओ
कुछ बाधाएं भी अवश्य आपके मार्ग में आएगी
अपराध बोध या ग्लानि आपके मन में जगाएगी
ऐसे परिस्थिति में तुम कभी हताश ना हो जाना
सफलता का विकल्प ढूंढकर आगे बढ़ते जाना
किसी कर्म को लेकर मन में नीरसता ना लाओ
हर कार्य को तुम अपना मनपसंद कार्य बनाओ
हर कर्म में तुम अपना पूरा दिल दिमाग खपाओ
कार्य की पूर्णता को अपनी अभिव्यक्ति बनाओ।