समोसे गोलगप्पे और बारात
समोसे गोलगप्पे और बारात
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आशा करता हूं कि आप सभी
मंगलमय और कुशलतापूर्वक होंगे।
मैं सुमित अपनी एक और लघु कविता
आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं।
कविता: समोसे गोलगप्पे और बारात
वो खा रही थी समोसे,
मैं खा रहा था गोलगप्पे।
उन्होंने खिलाएं मेरे मनपसंद समोसे
और मैंने उनके मनपसंद गोलगप्पे।
फिर बन गई हमारी बात
और होने लगी मुलाकात,
और फिर हुई सगाई और हम जल्दी
पहुंच गए लेकर बारात।