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GOPAL RAM DANSENA

Abstract

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract

समझौता

समझौता

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इंसान जीवन जीने के लिए

हर पल समझौता करता है


हर कदम चलने के पहले

सौ बार सोचा कराता है I


कभी रिस्तों में कभी दोस्ती में

अक्सर औरों के जीवन में


यहीं इंसान लोचा कराता हैI

अपने आंगन लगा के चमन

दूसरों के डगर कांटे रोपा करता है I


इंसान जीवन जीने के लिए

हर पल समझौता करता है I


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