सिंहावलोकनी दोहा ...
सिंहावलोकनी दोहा ...
राधा रानी प्रेममय , श्याम रंग में डूब ।
डूब रहे ज्यों प्यार में,झूम रहे हैं खूब ।।
सिया राम का मेल हो,जैसे तन से जान ।
जान मान अरु शान बिन, जीवन में अवसान ।।
उमा कहे शंभू सुनो, कर्म करें सब लोग।
लोग लिप्त अंधत्व में, भोग सके तो भोग ।।