सिंचित प्यार
सिंचित प्यार
प्रकृति का नियम है
कोई भी चीज हो
पौधा या इंसान
बढ़ने के लिए उसे
प्यार की आवश्यकता
होती है।
प्यार वह सिंचाई है
जो छोटे को बड़ा कर देता
सूखे का हरा कर देता है।
जीवन चक्र चलाने के लिए
हर चीज को प्यार की
जरूरत पड़ती है।
प्यार रूपी पानी से
अगर हो सिंचित
जीवन रूपी पौधा
भी रहता जीवित
होता पल्लवित
व पुष्पित ।
प्यार रूपी अमृत मृत
को जीवित कर देता
जीवन की साँस है प्यार
जीवन की आस है प्यार
रिश्तों की डोर है प्यार
डोर की मज़बूती है प्यार
जितना सिंचित होगा प्यार
उतना सिंचित होगा परिवार।
