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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Inspirational

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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Inspirational

सिमट रहा जीवन

सिमट रहा जीवन

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सिमट रहा जीवन पल पल

प्रभु में मिल जाने को

प्राण पखेरू उड़ जाएगा

यमदूत आये हैं ले जाने को

इंसान बना रहा छल कपट से ताने बाने को

मिट्टी में सब मिल जाना

साथ नहीं रहता कुछ जाने को

अपनो से दूर भाग रहा जाने क्यों कमाने को

समय नहीं आज दो पल साथ बिताने को

मृत्यु उपरांत समय मिल जाता

तेरह दिन आंसू बहाने को

आंखों का और दिल का

दिखावे वाला दर्द दिखाने को

दौड़ रहा मानव जाने क्या कमाने को

नंगा ही आता नंगा ही जाता

फिर क्यों भाग रहा ऐश्वर्य कमाने को

प्रभु नाम है जो साथ जाता

वही फुर्सत नहीं हरि रकन लगाने को

भाग रहा रिश्ते से

भाग रहा संस्कारो से

जाने क्या कमाने को

समय होता मुट्ठी में रेत सा

जकड़ो जितना छूट रहा

मुट्ठी से बाहर जाने को

सिमट रहा जीवन पल पल

प्रभु में मिल जाने को

प्राण पखेरू उड़ जाएगा

यमदूत आये हैं ले जाने को।।



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