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Navneet Gupta

Abstract Comedy Inspirational

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Navneet Gupta

Abstract Comedy Inspirational

सिल्क यारा

सिल्क यारा

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कहाँ खोये थे तुमजब हम चार धाम यात्रा पर थे

थे तो तुम तब भी

जब हम निर्माणाधीन गुफा के सामने से

एन एच 134 से गुजरे थे॥

आज तुम चर्चा में हो

रौनक़ में हो गये॥

जब यात्रा ख़त्म भी हो गयी

तब भी

आबाद हुए आपदा के चलते


ये होता है जज़्बा॥

उधर 41 जन अन्दर 

ढाई किमी की सीमित टनल में 

इधर असंख्य बड़े बडे

अपने छोटों प्रियों के 

निकासी इंतज़ार में

अपने अपने प्यासों में॥


अन्दर गब्बर और सबा

एक विश्वास और हिम्मत से

“ हम अपने देश की जमीं पर हैं

अपने देवताओं के करीब।

जब उसका पी एम 

बाहर से अपनों को उठा बचा कर ला सका

तो हमे कहाँ कम हैं, 

बेशक हम कठिन अवरोध में बंधियाँ

वो भी ईश्वरीय आपदा॥


41 के 41

बच गये हा हा हा

गब्बर खुश हुआ

अहमद नाचने लगा

सब के सब बच गये॥

शोले 

एक बार फिर याद आ पड़ी ॥

जीत हौसलों की होती है

हिम्मत से आती है॥

मौत के जबड़े

तब कसे ही रह जाते है॥


 2024 Republic Day 

हमारे बीच ये सब होगे 41 

जो हिम्मत हौसले विश्वास की मिसाल हैं

वो भी 12

चूहे, जिन्होनें जान की बाज़ी लगा दी

ढाई फ़िट के संकरे से पाईप से

लगातार लग 24घंटो में डैब्रस 

को कुतर दिया॥


वाह भाई वाह

मैच हारा _वो भी चमत्कार हुआ.. कुछ निराशा लिये।

41 बचे_ ये भी चमत्कार हुआ.. लीडरशिप का॥


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