सिला
सिला
माना की रिश्ते बहुत रूहानी होते हैं
अपनेपन का शोर नहीं मचाया करते,
पर बस एक तुमसे न जीत सके हम,
उम्र बीत गयी खुद पर दांव लगाते लगाते।
इश्क़ के दरख्त में बस तीन पात
मिलन जुदाई और... बेशुमार याद...!
बना कर छोड़ दिया है तुमने अपनी
यादों का आदी क्या इसी तरह ही,
मोहब्बत का सिला देते हैं..।
