सिखाती है ये कोरोना
सिखाती है ये कोरोना
हमें नित हाथ को धोना,सिखाती है ये कोरोना।
हमें नित स्वच्छता करना,सिखाती है ये कोरोना।।
जिन्हें बीमार न होना हो,उन्हें यह ध्यान देना है,
हमें नित प्रणाम करना, सिखाती है ये कोरोना।
हमें नित हाथ को धोना,सिखाती है ये कोरोना।।
सभी जीव,पशु-पक्षी, यह संसार उन सबका है,
हमें नित शाकाहार करना, सिखाती है ये कोरोना।
हमें नित हाथ को धोना,सिखाती है ये कोरोना।।
जरा तुम भी ठहर जाओ,इस भागमभाग दुनिया में,
हमें नित एकांत में रहना,सिखाती है ये कोरोना।
हमें नित हाथ को धोना,सिखाती है ये कोरोना।।
कभी भी दूर जाना हो,कभी बाहर को जाना हो,
हमें नित परदे में ही रहना,सिखाती है कोरोना।
हमें नित हाथ को धोना,सिखाती है ये कोरोना।।
यह सब जानकर भी जो,इसका पालन नहीं करते,
उन्हीं को पड़ता है रोना,उन्हीं को होता है कोरोना।।
हमें नित हाथ को धोना,सिखाती है ये कोरोना।
सनातन ही सत्य है,सनातन संस्कृति ही सबकुछ है,
हमें सनातन धर्म पर चलना,सीखाती है ये कोरोना।
समझाती है ये कोरोना,बताती है ये कोरोना।।