कसम है तिरंगे की
कसम है तिरंगे की


कसम है तिरंगे की झुकने न देगें।
मर जाएगेे पर लुटने न देगेें।।
राजगुुरू, सुखदेव, भगत ने,
सेेेेेहरा छोड़ बाँधा, सिर को कफ़न में,
वीर सपूतों की है, येे धरती,
अन्न भी देती, सोना उगलती,
कोई भी हो मगर, छूने न देगें।।
कसम है तिरंगे की झुकने न देगें।
मर जाएगेे पर लुटने न देगेें।।
वीर शहीदों ने, वो मार्ग चुना था,
अंग्रेजों को भी जाना पड़ा था,
देश न पीछे, रह जाए देखो,
तोड़ जंजीरों को आगे दौड़ो,
थकते कदम को भी रुकने न देगें।।
कसम है तिरंगे की झुकने न देगें।
मर जाएगेे पर लुटने न देगेें।।
भारत माता की जय...
वन्दे मातरम...