Praveen Gola

Inspirational

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Praveen Gola

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सीमा की संजीवनी

सीमा की संजीवनी

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सीमा पर जो खड़े हो तुम,
धूप में तपते, सर्दी में गुम ,
हमे चैन की नींद सुलाकर , 
नये साहस की छवि हो तुम |

हर गोली जो सीने से टकराती,
हर चोट जो दिल पर खाती,
हर लम्हा जो तुमने बिताया ,
वो हमारे जीवन की नई बाती |

आंधियों में भी अडिग रहे,
तूफ़ानों में भी तुम न बहे ,
मां भारती की रक्षा के वचन को ,
अंतिम साँस तक पूरा करते रहे |

तुम्हारे खून से सींची ये धरा,
तुम्हारी कुर्बानी से दिल भरा ,
तुमने अपनी अमर गाथा को ,
भारत माता के चरणों में करा |

तुम्हारी वीरता की मशाल,
हर दिल में जला लायेगी बवाल ,
भारत की फिज़ाओं में गूंजेगी,
तुम्हारी सदा ही जयकार कमाल |

आज़ाद थे, आज़ाद हैं, आज़ाद रहेंगे,
तुम्हारे बलिदान से हर दर्द सहेंगे ,
सीमा के प्रहरी तुम्हारे लिए ,
हमारे अश्रु हर दिन बहेंगे ,

मां भारती के वीर सपूत,
तुम्हें शत-शत नमन हमारा ,
तुम्हारे साहस और त्याग पर,
हमारा सारा जीवन तुम्हारा ||



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