सीमा के प्रहरी
सीमा के प्रहरी
सीमा के प्रहरी
दिन हो या रात हो
हर पल सजग हो
हम प्रहरी है सीमा के
हम रक्षक धरती माँ के
तान के आपने सीना,
खोल के अपनी आँखे
करदें छलनी उसको
जो मेरी सीमा में झाँके।
ऊँची पगड़ी, मूंछों को ताव,
भले हों तन पर लाखों घाव।
