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Navneet Goswamy

Others

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Navneet Goswamy

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मां

मां

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मां ! तेरे बिना जीवन दुश्वार सा लगता है,

ज़र्रा ज़र्रा , पल पल तेरी नामौजूदगी का एहसास देता है।।

मैं कहीं भी रहती, तुम्हारे पास या कोसों दूर ,

तुम्हारी range, पहुंचती थी मुझ तक भरपूर ।

तबीयत थोड़ी सी बिगड़ी नहीं, कि तुम्हारा call आ जाता

ऐसा था तुम्हारा प्यार।

मैं हैरान, कौन सी device फिट है,

और किसने किया इसका आविष्कार?   . . .



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